‘भारत में लगातार हो रही आतंकी घुसपैठ’‘सुरक्षा बलोंं को और सतर्क होने की जरूरत’ (पंजाब केसरी)

पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के समय से ही वहां के शासकों ने भारत के विरुद्ध प्रत्यक्ष और छद्म युद्ध छेड़ रखा है। वे सीमा पार स्थित प्रशिक्षण शिविरों में अपने पाले हुए आतंकवादियों को ङ्क्षहसक गतिविधियों का प्रशिक्षण देकर और उनकी भारत

पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के समय से ही वहां के शासकों ने भारत के विरुद्ध प्रत्यक्ष और छद्म युद्ध छेड़ रखा है। वे सीमा पार स्थित प्रशिक्षण शिविरों में अपने पाले हुए आतंकवादियों को ङ्क्षहसक गतिविधियों का प्रशिक्षण देकर और उनकी भारत में घुसपैठ करवा कर देश में रक्तपात करवाने के प्रयास लगातार जारी रखे हुए हैं। समय-समय पर पकड़े गए आतंकवादियों से पूछताछ और उनसे बरामद हथियारों और अन्य वस्तुओं पर पाकिस्तान और चीन के चिन्हों का पाया जाना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि भारत के विरुद्ध हिंसक गतिविधियों में पाकिस्तान और चीन दोनों एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं : 

* 7 अक्तूबर को शोपियां में पुलिस एनकाऊंटर में 3 आतंकी मारे गए।
* 12 अक्तूबर को रामबाग श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में सी.आर.पी.एफ. के जवानों ने जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकियों को मार गिराया।
* 16 नवम्बर को दिल्ली के सराय काले खां इलाके में पुलिस के विशेष सैल ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकवादियों ‘अब्दुल लतीफ मीर’ तथा ‘मोहम्मद अशरफ खटाना’ को गिरफ्तार करके दिल्ली में हमले की बड़ी साजिश को नाकाम किया। 

* 19 नवम्बर को जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘बान टोल प्लाजा’ के निकट जैश-ए-मोहम्मद के ही 4 आतंकवादियों को सी.आर.पी.एफ. तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एस.ओ.जी.) के जवानों ने मार गिराया। मारे गए आतंकवादियों के कब्जे से 11 राइफलें, 6 ए.के. 56 राइफलें तथा मैगजीन, 3 सैमी-आटोमैटिक पिस्तौल, 29 ग्रेनेड, 6 यू.बी.जी.एल. ग्रेनेड, मोबाइल सैल, बम्पर, ‘मेड इन पाकिस्तान’ लिखी हुई दवाएं और पिट्ठू बैग जैसी वस्तुएं तथा अन्य गोली-सिक्के की बड़ी खेप बरामद हुई थी। 

इनमें से अनेक हथियारों पर ‘मेड इन चाइना’ लिखा हुआ था। यह पिछले कई वर्षों के दौरान बरामद की गई अवैध हथियारों की सबसे बड़ी खेप थी। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यह इस वर्ष की दूसरी मुठभेड़ थी। इससे पूर्व जनवरी में सुरक्षा बलों ने एक ट्रक के अंदर छिपे हुए 3 आतंकवादियों को मार गिराया था। और अब दिल्ली एन.सी.आर. में जारी किसान आंदोलन के दौरान 7 दिसम्बर तड़के दिल्ली पुलिस ने आतंकवादियों की एक और बड़ी साजिश को विफल करते हुए 5 खतरनाक आतंकवादियों को शकरपुर इलाके में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है जिस दौरान 13 राऊंड गोलियां चलीं। 

गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों की पहचान शब्बीर अहमद, अयूब पठान, रियाज राठर, गुरजीत सिंह और सुखदीप सिंह के तौर पर हुई है । इनमें से 2 का सम्बन्ध पंजाब के गुरदासपुर से है तथा 3 अन्य का संबंध कश्मीर से है। इनसे 2 कारें भी जब्त की गई हैं जिनमें ये यात्रा कर रहे थे। इनमें से दो आतंकी 16 अक्तूबर, 2020 को तरनतारन में पंजाब के शौर्य चक्र विजेता बलविंद्र सिंह की हत्या में शामिल थे। इनके कब्जे से एक लाख रुपए नकद, तीन पिस्तौल, 2 किलो हैरोइन और दस्तावेज बरामद हुए हैं। दिल्ली पुलिस इनका किसान संगठनों से ङ्क्षलक पता लगाने की कोशिश में है। दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल के डी.एस.पी. प्रमोद कुशवाहा के अनुसार, ‘‘गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों को पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. के नार्को टैरेरिज्म समूह का समर्थन प्राप्त है।’’ 

श्री कुशवाहा ने बताया कि पूछताछ के दौरान इन लोगों ने कबूला कि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी और पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. पंजाब के खिलाफ साजिश रच रही है। नशीले पदार्थ अफगानिस्तान से लाकर भारत में बेचे जाते हैं और इन पैसों का इस्तेमाल साम्प्रदायिक वैमनस्य पैदा करने और आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने वालों को निशाना बनाने में किया जाता है। संभवत: गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों का उद्देश्य भारत में अफरा-तफरी फैलाने के लिए किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर धमाके करने का था। पहले 16 नवम्बर को दिल्ली में ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के आतंकी संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी, फिर 19 नवम्बर को नगरोटा में हुए एनकाऊंटर में जैश के ही 4 आतंकवादियों का मारा जाना और अब एक बार फिर दिल्ली में ही एक महीने से भी कम समय में 5 खतरनाक आतंकवादियों का पकड़ा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता है। 

इसके साथ ही यह एक चेतावनी भी है क्योंकि जहां एल.ओ.सी. के पार ‘लांच पैड्स’ पर लगभग 300 आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के लिए मौके की तलाश में हैं, वहीं पाकिस्तान और चीन भारत के हालात बिगाडऩे पर आमादा हैं जो नगरोटा में मारे गए आतंकवादियों से बरामद पाकिस्तान और चीन निर्मित हथियारों एवं अन्य वस्तुओं से स्पष्ट है। उल्लेखनीय है कि आमतौर पर आतंकवादी हमला करने के लिए वह समय चुनते हैं जब सुरक्षाबलों पर सुस्ती छाई होती है। अत: आवश्यक है कि ऐसे मौकों पर हमारे सुरक्षाबल विशेष रूप से चौकन्ने रहें ताकि उनकी असावधानी का लाभ उठा कर शत्रु उन पर ऐसे हमले न कर सकें।

—विजय कुमार

सौजन्य - पंजाब केसरी।
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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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