हिंसा की घटनाएं विश्व में लगातार बढ़ रही हैं। विकसित और विकासशील देश समान रूप से इसकी चपेट में आए हुए हैं जिससे जानमाल की भारी हानि हो रही है। आज अशांति, रक्तपात तथा ङ्क्षहसा का शिकार होकर अधिकांश विश्व किस कदर विनाश के निकट पहुंचता जा रहा है इसके ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
* 19 दिसम्बर को नाईजीरिया के ‘जमफारा’ प्रांत के ‘कौरा नामोदा’ क्षेत्र में एक क्षेत्रीय अधिकारी के काफिले पर हमले में 3 पुलिस अधिकारियों सहित 8 लोग मारे गए।
* 20 दिसम्बर को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कार बम विस्फोट में 9 लोग मारे गए।
* 21 दिसम्बर को ब्लूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध मोर्चा खोलने वाली ‘करीमा बलोच’ का शव कनाडा के टोरंटो में रहस्यमय हालात में पड़ा मिला। उसकी हत्या पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. ने करवाई।
* 23 दिसम्बर को फ्रांस की राजधानी पैरिस के उपनगर ‘सेंट जस्ट’ में घरेलू हिंसा की शिकायत की जांच करने गए 3 पुलिस अधिकारियों पर हिंसा के आरोपी ने ही अंधाधुंध गोलियां चलाकर उन्हें मार डाला।
* 24 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल के ‘जलपाईगुड़ी’ जिले में अज्ञात लोगों ने टी.एम.सी. नेता ‘मनोरंजन डे’ को गोली मार कर घायल कर दिया।
* 24 दिसम्बर को ही पूर्वी अफ्रीकी देश ‘इथोपिया’ के ‘पश्चिमी बेनी शांगल गुमुज’ प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने रात के समय घरों में सो रहे 100 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार कर उनके घरों को लूट लिया।
* 26 दिसम्बर को ‘तेलंगाना’ में ‘खम्मम’ जिले के ‘वायरा’ में बदमाशों ने भाजपा नेता एन. रामाराव की उसके घर में घुस कर हत्या कर दी।
* 26 दिसम्बर को ही अफगानिस्तान के काबुल में बम धमाकों में 2 पुलिस कर्मचारियों सहित 4 लोगों की मौत तथा अनेक घायल हो गए।
* 26 दिसम्बर को पाकिस्तान के अशांत ब्लूचिस्तान प्रांत के ‘हरनाल’ जिले में सुरक्षा बलों की चौकी पर आतंकी हमले में 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए तथा अनेक घायल हो गए। इसी दिन ‘पंजगुर’ जिले के एक स्टेडियम के निकट बम धमाके में 2 लोग मारे गए तथा 7 अन्य घायल हो गए।
* 26 दिसम्बर को ही ‘मध्य अफ्रीकी’ गणराज्य में अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में संयुक्त राष्ट्र के 3 शांति सैनिक मारे गए व 2 घायल हो गए।
* 26 दिसम्बर को ही अफगानिस्तान के ‘कापिसा’ प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने मानवाधिकार कार्यकत्र्ता ‘फ्रेश्टा कोहिस्तानी’ को मार डाला।
* 26 दिसम्बर को जर्मनी की राजधानी बॢलन में जर्मनी की ‘सोशल डैमोक्रेटिक पार्टी’ के मुख्यालय के निकट गोलीबारी में 4 लोग घायल हो गए।
* 26 दिसम्बर वाले दिन ही अमरीका के मैसाचुसेट्स प्रांत के ‘लिन’ शहर में एक म्यूजिक वीडियो की शूटिंग के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 5 घायल हो गए।
* 27 दिसम्बर को चीन के उत्तरी पूर्वी ‘लियोलिंग’ प्रांत में एक व्यक्ति ने चाकू से वार करके 7 लोगों की हत्या कर दी।
* 27 दिसम्बर को ही अमरीका के इलीनाय में एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध गोलीबारी करके 3 लोगों की हत्या कर दी व 3 अन्य को घायल कर दिया।
* 28 दिसम्बर को आस्ट्रेलिया में एक युवक ने अपनी गर्लफ्रैंड के पिता को चाकू से ताबड़तोड़ वार करके मार डाला।
* 28 दिसम्बर को ही रूस के ‘चेचेन’ में हथियार छीनने की वारदात में 2 हमलावरों तथा एक पुलिस कर्मचारी की मौत हो गई।
* 28 दिसम्बर को ही कनाडा के ‘सरी’ शहर में अज्ञात हमलावरों ने ‘हरमन सिंह ढेसी’ नामक पंजाबी युवक की गोली मार कर हत्या कर दी।
* 29 दिसम्बर को पश्चिम अफ्रीकी देश ‘माली’ में ‘मोप्तो’ प्रांत के ‘होम्बोरी’ क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा किए गए ‘आई.ई.डी.’ विस्फोट में वहां आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल फ्रांस के 3 सैनिक मारे गए।
* 29 दिसम्बर को ही पश्चिम बंगाल के हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस के वर्कर ‘धर्मेंद्र सिंह’ की गोली मार कर हत्या कर दी गई।
* 29 दिसम्बर को ही आंध्र प्रदेश के ‘कडप्पा’ जिले के गोडातुरू शहर के ‘सोमुलावरी पिल्ले’ गांव में ‘तेलगू देशम पार्टी’ के वरिष्ठ नेता ‘नंदम सुब्बैया’ को कुछ लोगों ने निर्ममतापूर्वक मार डाला।
* 29 दिसम्बर को ही पाकिस्तान के पेशावर में भूमि विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में 4 लोग मारे गए।
विश्व के अधिकांश देशों में ङ्क्षहसा की लगातार लहर, बढ़ रही ‘बंदूक संस्कृति’ और लोगों में घट रही सहनशीलता का ही दुष्परिणाम है जिसका नतीजा दुखद घटनाओं के रूप में निकल रहा है और दुनिया में तबाही हो रही है। यदि यह सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो लोगों में भय एवं असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और उनका जीवन दूभर हो जाएगा। अत: मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि यह सिलसिला आखिर कहां जा कर रुकेगा।—विजय कुमार
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‘विश्व में फैल रही है’‘हिंसा, रक्तपात और असंतोष की आग’ (पंजाब केसरी)
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