समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस की है पर इसमें घुस आई चंद काली भेड़ें अपनी कत्र्तव्यविमुखता एवं अमानवीय कृत्यों से पुलिस विभाग की बदनामी का कारण बन रही हैं। महात्मा गांधी ने एक बार कहा था, ‘‘यदि पुलिस में दुर्भावना आ जाएगी तो देश का भविष्य सचमुच अंधकारमय हो जाएगा।’’ आज कुछ-कुछ वैसा ही होता दिखाई दे रहा है जिसके 11 दिनों के उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
* 24 दिसम्बर को शाहजहांपुर के जलालाबाद थाने के एक सब इंस्पैक्टर पर एक महिला ने बलात्कार करने का आरोप लगाया। महिला के अनुसार जब वह अपने साथ कुछ लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किए जाने की रिपोर्ट लिखवाने उक्त थाने में गई तो वहां मौजूद सब-इंस्पैक्टर विनोद कुमार ने उसके साथ बलात्कार कर डाला।
* 24 दिसम्बर को ही हरियाणा राज्य नशा नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने एक नशा तस्कर से जब्त किए गए 812 किलो डोडा-चूरा की बजाय मात्र 400 किलो डोडा-चूरा की बरामदगी दिखाने के आरोप में 8 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध केस दर्ज करके उन्हें निलम्बित किया।
* 26 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसकी बेटी से छेड़छाड़ करने के मामले में फरार चल रहे सिपाही मनोज रस्तोगी को गिरफ्तार किया गया।
* 30 दिसम्बर को मोहाली में तैनात एक सिपाही गगनदीप सिंह के विरुद्ध एक युवती को अपने प्रेम जाल में फंसा कर गर्भवती करने, गर्भपात करवाने और वायदा करके शादी से मुकर जाने के आरोप में केस दर्ज किया गया।
* 30 दिसम्बर को ही जालन्धर के थाना 8 की पुलिस ने हैरोइन सप्लाई करते हुए पंजाब पुलिस के डिसमिस हैड कांस्टेबल राकेश कुमार और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया। यह हैड कांस्टेबल 2018 में शराब की सप्लाई करता पकड़े जाने के बाद नौकरी से निकाल दिया गया था।
* 1 जनवरी को नशा तस्करों को पकडऩे के लिए बनाई गई स्पैशल टास्क फोर्स मोगा से संबंधित एक ए.एस.आई. बलजीत सिंह को पुलिस ने चिट्टे की तस्करी करने के आरोप में उसकी महिला मित्र कर्मबीर कौर और ड्राइवर जग्गी के साथ गिरफ्तार किया। कर्मबीर कौर को उसके पति बलतेज सिंह ने कुछ समय पूर्व बलजीत सिंह के साथ रंगरलियां मनाते हुए पकड़ा था।
* 1 जनवरी को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में नए साल की खुशी में एक ढाबे पर कुछ सिपाहियों ने दावत उड़ाने के बाद ढाबे वाले द्वारा पैसे मांगने पर न सिर्फ उसकी स्कूटी और मोबाइल तोड़ दिए बल्कि गोलक में रखे 4,000 रुपए और जेब में पड़े 2000 रुपए भी निकाल लिए और धमकाया कि होटल चलाना है तो उन्हें मुफ्त खाना खिलाना होगा। पीड़ित दुकानदार ने अधिकारियों से शिकायत की तो 3 जनवरी की रात को लगभग 12.30 बजे 4 नकाबपोशों ने आकर पहले तो उसके साथ गाली-गलौच किया और फिर उसका ढाबा तहस-नहस कर दिया।
* 1 जनवरी को ही उत्तर प्रदेश में बिठूर (कानपुर) पुलिस थाने के एस.ओ. कौशलेन्द्र प्रताप को 2018 में चोरी हुई कार का इस्तेमाल करते हुए पाया गया।
* 2 जनवरी को फतेहगढ़ साहिब के खमानों में एक चिकन कार्नर के मालिक की मौत के बाद उसके कमरे से मिली 8 लाख रुपए नकदी और कुछ मूल्यवान सामान खुर्द-बुर्द करने के आरोप में एस.एच.ओ. हरविंद्र सिंह और ए.एस.आई. जसपाल सिंह को निलम्बित करके उनके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू की गई।
* 4 जनवरी को कैथल पुलिस ने राजस्थान के नसीराबाद कैंट से एक नायब सूबेदार और दो सैनिकों को अफीम तस्करी के आरोप में पकड़ा।
* 4 जनवरी को ही लुधियाना की चौकी मुंडियां के हैड कांस्टेबल राकेश कुमार के विरुद्ध एक महिला से हुए बलात्कार के मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है जबकि ए.एस.आई. सुखविंद्र सिंह और होमगार्ड जवान हरिन्द्र सिंह को निलम्बित किया गया है।
उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि पुलिस की ज्यादतियां किसी एक क्षेत्र तक सीमित न रह कर देशव्यापी बन चुकी हैं और कानून के रक्षक कहलाने वाले चंद पुलिस कर्मियों का इस प्रकार से भक्षक बनना समूचे पुलिस विभाग की छवि धूमिल कर रहा है। अत: दोषियों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि दूसरों को भी नसीहत मिले और वे ऐसी कोई करतूत करने से पहले सौ बार सोचें।-विजय कुमार
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‘रक्षकों’ की वर्दी में छुपे चंद ‘भक्षक’ ‘धूमिल कर रहे हैं पुलिस की छवि’ (पंजाब केसरी)
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