‘तेजी से फैल रहा’ ‘देश में अवैध नशे का कारोबार’ (पंजाब केसरी)

पिछले कुछ समय के दौरान अनेक दर्द निवारक एवं मानसिक तनाव और चिंता दूर करने वाली अन्य दवाओं का, जिन्हें डाक्टरों की पर्ची के बिना नहीं बेचा जा सकता, नशों के रूप में इस्तेमाल करने का प्रचलन बढ़ गया है जिससे बड़ी संख्या में युवा वर्ग इसकी चपेट में आकर मौत के मुंह में जा रहा है।इसी कारण इन्हें एन.डी.पी.एस. कानून में शामिल कर दिया गया है परंतु इसके बावजूद यह धंधा जोर-शोर से जारी है और बड़ी मात्रा में मैडीकल नशा पकड़ा भी जा रहा है जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 19 दिसम्बर, 2020 को दिल्ली के नशा नियंत्रण ब्यूरो और आगरा के औषधि विभाग ने बल्केश्वर में अंतर्राज्यीय नशा तस्कर के गोदाम पर छापा मार कर 5 करोड़ रुपए की नशीली दवाइयां और गर्भपात किट बरामद कीं।
* 22 दिसम्बर को दिल्ली के मुबारक महल फव्वारा, कमला नगर इलाकों से पकड़े गए नशे की दवाओं के अंतर्राज्यीय गिरोह के 4 सदस्यों से डेढ़ करोड़ रुपए की नशे की दवाएं, इंजैक्शन और सरकारी दवाएं जब्त की गईं। 

* 23 जनवरी, 2021 को उत्तर प्रदेश में न्यू आगरा के निकट एक शिक्षा संस्थान के लड़कियों के बाथरूम से लगभग 10 लाख रुपए से अधिक की ऐसी दवाएं जब्त की गईं जो मुख्य रूप से डायलिसिस के काम आती हैं। 
* 8 फरवरी को मथुरा और आगरा में नकली दवाओं की सप्लाई करने वाली फर्म और अवैध फैक्टरी पकड़ी गई जहां नकली और एक्सपायर्ड दवाओं की री-पैकिंग हो रही थी।
* 23 फरवरी को मुम्बई पुलिस ने कुर्ला की एक कोरियर कम्पनी में छापा मार कर दिल्ली से भेजी गई 4824 नशीली गोलियां बरामद करने के बाद दिल्ली में एक फ्लैट पर छापा मार कर मोहम्मद अनास नामक नशीली दवाओं के व्यापारी को गिरफ्तार किया। 

* 23 फरवरी को ही उत्तरी दिल्ली स्थित बुराड़ी से ट्रामाडोल तथा एलप्राजोलम की 5535 नशीली गोलियों के अलावा 100 नशीले टीके तथा अन्य नशीले पदार्थ जब्त किए गए। 
* 10 मार्च को आंध्र प्रदेश के कृष्णा में एक अवैध क्लीनिक में छापा मार कर वहां से 50,000 रुपए की नशीली गोलियां पकड़ी गईं।  
* 18 मार्च को लुधियाना पुलिस ने मेरठ स्थित ‘पर्क फार्मास्युटिकल कंपनी’ में छापा मार कर 54 करोड़ रुपए मूल्य की 67 लाख नशीली गोलियां, कैप्सूल, इंजैक्शन और सिरप बरामद करने के अलावा 5.44 लाख रुपए की ड्रग मनी जब्त करके नशे के 4 सप्लायरों को गिरफ्तार किया। 

पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल के अनुसार इससे पूर्व 1 मार्च को थाना डिवीजन नं. 4 की पुलिस ने रेड करके पूर्व भाजपा पार्षद सतीश नागर के मकान से 1.29 लाख रुपए मूल्य की नशीली गोलियां बरामद करके मुख्यारोपी अनूप शर्मा आदि के विरुद्ध केस दर्ज किया। इसके बाद अनूप शर्मा की निशानदेही पर पुलिस ने लुधियाना में कई जगह छापा मार कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया था और अब लुधियाना पुलिस ने मेरठ में अवैध सिंथैटिक नशों की सप्लाई करने वाले उक्त अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। 

* 20 मार्च को बरेली के फरीदपुर में एक मैडीकल स्टोर से भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशे की दवाएं एवं आक्सीटोक्सीन के इंजैक्शन बरामद किए गए। इनमें 15 वायल आक्सीटोक्सीन, ट्रामाडोल के सैंकड़ों कैप्सूल, अल्पराजोलम तथा कोडीन सिरप की शीशियों के अलावा भारी मात्रा में नशे की अन्य प्रतिबंधित दवाएं शामिल हैं। फेन्सेडिल कफ सिरप में कोडीन फास्फेट नामक पदार्थ होता है जिसका उपयोग नशे के लिए भी किया जाता है। आगरा के दवा बाजार में मनोरोगियों को दी जाने वाली दर्द निवारक और नींद लाने वाली दवाओं की सही मकसद के लिए बिक्री तो प्रतिदिन लगभग 25 लाख रुपए की होती है जबकि इससे लगभग तीन गुणा अधिक मात्रा में ये दवाएं नशे के तौर पर इस्तेमाल करने वाले खरीद रहे हैं। 

पारंपरिक नशों की तुलना में मैडीकल नशे सस्ते होने के कारण नशेड़ी इनका इस्तेमाल करने लगे हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं क्योंकि इनके अधिक मात्रा में सेवन से सांस संबंधी समस्याएं, अवसाद और मृत्यु तक हो सकती है। यही नहीं, नशे के टीके लगाने से रक्त में जानलेवा इंफैक्शन हो सकता है जिससे लोग हैपेटाइटिस और एड्स जैसी बीमारियों का शिकार होकर मौत के मुंह में जा रहे हैं। यहां यह प्रश्र भी पैदा होता है कि सरकार द्वारा बड़ी संख्या में नियुक्त ड्रग इंस्पैक्टर इसे पूरी तरह क्यों नहीं पकड़ पा रहे? अत: इस संबंध में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करके उनके तथा नशे के व्यापारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।—विजय कुमार 


सौजन्य - पंजाब केसरी।
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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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