टीकाकरण पर जोर (प्रभात खबर)

देश कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति से जूझ रहा है. गंभीर रूप से बीमार लोगों की बड़ी संख्या के कारण अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ गया है. इसी बीच अप्रैल के मध्य में टीकाकरण अभियान की गति भी बाधित हुई है. अब एक मई से सभी वयस्क टीका ले सकेंगे. इस संबंध में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी को टीका लेने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि महामारी से बचाव का यही एक ठोस उपाय है.



केंद्र और राज्य सरकारें टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं. दिशानिर्देशों के अनुसार, टीके बाजार से खरीदे जा सकेंगे और राज्य सरकारों को भी समुचित मात्रा में टीकों की खुराक खरीदनी होगी. उत्पादक कंपनियां 50 प्रतिशत खुराक राज्य सरकारों दे सकती हैं और बाजारों में मुहैया करा सकती हैं. इस बारे में कंपनियों को एक मई से पहले जानकारी देने को कहा गया है.



एक नियम यह भी है कि 18 साल से ऊपर के लोगों को टीकाकरण के लिए कोविन वेबसाइट या आरोग्य सेतु एप पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना जरूरी होगा. इन सभी वजहों से शुरू में ही सभी के लिए टीके उपलब्ध हो पाना मुश्किल है, इसलिए हमें संयम रखना होगा. जिन्हें टीका मिले, उन्हें इसे ले लेना चाहिए ताकि संक्रमण की रोकथाम में मदद मिले.


अब तक के अनुभव बताते हैं कि जो कुछ लोग दोनों खुराक लेने के बाद भी संक्रमित हुए, उन्हें अधिक परेशानी नहीं हुई तथा अधिकतर लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं. इस संबंध में किसी भी तरह की अफवाह या अपुष्ट सूचनाओं पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. उम्मीद है कि निजी केंद्रों और अस्पतालों के साथ सरकारी स्वास्थ्य तंत्र के साझे प्रयास से अधिक-से-अधिक लोगों को टीकाकरण हो सकेगा. एक चिंता टीके की कीमत को लेकर है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार की ओर से टीके मुफ्त दिये जायेंगे. उन्होंने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया है कि वे बिना कोई दाम लिये खुराक दें. अनेक राज्यों ने ऐसी घोषणा कर भी दी है. इससे गरीब और निम्न आय वर्ग को राहत मिलेगी. पंजीकरण तथा केंद्रों की व्यवस्था से जुड़े मसलों पर राज्य सरकारों को बहुत ध्यान देना चाहिए ताकि टीका भी ठीक से मिल सके और किसी तरह की अफरातफरी न हो.


केंद्र सरकार ने राज्यों को ठोस योजना बनाने, निगरानी रखने और जानकारियां जुटाने का निर्देश दिया है. आशा है कि मध्य जनवरी से जारी इस अभियान के अब तक के अनुभवों से सीख लेते हुए खुराकों की बर्बादी भी रूकेगी और टीकाकरण में भी तेजी आयेगी. कुछ महीनों में दो से अधिक टीके भी उपलब्ध होने की उम्मीद है. अब तक 13 करोड़ खुराक दी जा चुकी है. चाहे संक्रमण रोकना हो या टीकाकरण तेज करना हो, यह सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिकों के परस्पर सहयोग से ही हो सकेगा. इसलिए हमें धैर्य के साथ महामारी का मुकाबला करना है.

सौजन्य - प्रभात खबर।

Share on Google Plus

About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment