आरोग्यता के लिए स्वच्छता जरूरी (प्रभात खबर)

आज पूरी पृथ्वी संकटग्रस्त है. हम विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 की बात करें, तो हर वर्ष किसी एक रोग विशेष पर फोकस करने वाले डब्लूएचओ ने इस वर्ष सफाई और स्वास्थ्य को बेहतर दुनिया का पैमाना माना है. इस वर्ष का थीम है - ‘एक साफ, स्वस्थ विश्व का निर्माण.’

महात्मा गांधी स्वच्छता एवं नागरिक मूल्य (मानवता) को देश और दुनिया के पुनर्निमाण की बुनियादी शर्त मानते थे. वे रोज सुबह अपने निवास एवं आसपास की सफाई स्वयं करते थे. रोजाना संडास साफ करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था. गांधी जी का स्पष्ट मानना था कि नागरिक दायित्व और स्वच्छता राष्ट्रीय गौरव के आधार हैं.

इन दिनों पूरी दुनिया कोविड-19 से ग्रस्त है. वर्ष 2020 से चले आ रहे कोरोना वायरस संक्रमण की भयावहता के बावजूद डब्ल्यूएचओ इस वर्ष साफ-सफाई या स्वच्छता की बात कर रहा है. सोचिए क्यों? वायरस, बैक्टीरिया, सूक्ष्मजीवी या अन्य रोग उत्पन्न करनेवाले तत्व गंदगी में ही पनपते और बढ़ते हैं.


आधुनिक जीवनशैली, सुविधाभाेगी तकनीक एवं अप्राकृतिक आदतों ने न केवल हमारे पर्यावरण को गंदा किया, बल्कि उसे जीवन लायक भी नहीं छोड़ा. प्रदूषण, गंदगी, प्राकृतिक संसाधनों का विनाश, मानव-मानव में भेद, लोभ आदि विकृतियों ने ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दीं कि न तो हमारी जगह रहने लायक बची और न ही हमारा स्वास्थ्य बचा. आज दुनिया बीमारियों का पर्याय बनती जा रही है.


विकास की वर्तमान अवधारणा देश-दुनिया को विनाशकारी भविष्य की ओर धकेल रही है. जीवनशैली जनित रोग खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसलिए आज हर व्यक्ति को सोचने की जरूरत है कि मुकम्मल स्वास्थ्य के लिये दीर्घकालिक उपाय क्या और कैसे किये जा सकते हैं?


विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिये स्वच्छता एवं स्वास्थ्य वैसे तो शुरू से ही महत्वपूर्ण मुद्दे रहे हैं, लेकिन विगत कई दशकों से संगठन का फोकस विभिन्न रोगों से संबंधित चुनौतियों पर रहा है. जनस्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा होते हुए भी वैश्विक चिंता नहीं बन पाया. संगठन के अब तक के सालाना आयोजन ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ पर जनस्वास्थ्य के विषय बहुत कम ही चर्चा में आये.


हालांकि जनस्वास्थ्य का मुद्दा संगठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, इसीलिये ‘सन 2000 तक सबको स्वास्थ्य’ का लक्ष्य तय किया गया, फिर सहस्त्राब्दि लक्ष्य, उसके बाद टिकाऊ विकास लक्ष्य तय किये गये. हर बार पुराने लक्ष्य के बदले नयी शब्दावली में नये लक्ष्य तय होते रहे, लेकिन हासिल वही ढाक के तीन पात.


भारत में स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर डालें, तो यह चिंताजनक है. स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी खस्ता है. अन्य देशों की तुलना में भारत में कुल राष्ट्रीय आय का लगभग चार प्रतिशत ही स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होता है जबकि चीन 8.3 प्रतिशत, रूस 7.5 प्रतिशत तथा अमेरिका 17.5 प्रतिशत खर्च करता है. हेल्थकेयर के लिए फ्रांस में सरकार और निजी सेक्टर मिलकर फंड देते हैं जबकि जापान में हेल्थकेयर के लिए कंपनियाें और सरकार के बीच समझौता है. ऑस्ट्रिया में नागरिकों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा के लिए इ-कार्ड मिला हुआ है.


हमारे देश में फिलहाल स्वास्थ्य बीमा की स्थिति बेहद निराशाजनक है. यहां महज 28.80 करोड़ लोगों ने ही स्वास्थ्य बीमा करा रखा है. अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) के एक शोध में सामने आया है कि हर वर्ष देश में करीब आठ करोड़ लोग महज इलाज की वजह से गरीब हो जाते हैं. लगभग 40 प्रतिशत मरीजों को इलाज की वजह से खेत-घर आदि बेचने या गिरवी रखने पड़ जाते हैं. बीमारी की वजह से नौकरीपेशा 53.3 प्रतिशत लोगों मे से आधे से अधिक को नौकरी छोड़नी पड़ जाती है.


विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 के बहाने मैं देश की जनता से एक विनम्र अपील करना चाहता हूं कि मानवता और प्रकृति की बेहतरी के लिए देश और दुनिया का प्रत्येक नागरिक रोजाना ‘एक घंटा देह को और एक घंटा देश’ को दे. रोजाना एक घंटे के समर्पण में प्रत्येक व्यक्ति नियमित व्यायाम, योग, शारीरिक अभ्यास, दौड़, साइकिल आदि की मदद से अपने शरीर की सेवा करे. यदि देश और दुनिया में सभी लोग नियमित और ईमानदारी से अपने शरीर की प्राकृतिक देखभाल शुरू कर दें, तो रोगों में 70 से 80 फीसदी की कमी आ जायेगी.


साथ ही नियमित प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक दिनचर्या, पर्यावरण सम्मत जीवनशैली, पहनावा, रहन-सहन आदि काफी हद तक लोगों को रोग से बचायेंगे. ‘एक घंटा देश को’ अभियान के तहत हम सभी रोजाना अपने आस-पड़ोस, गली-मुहल्ले, सड़क, नाली आदि की सफाई करें. यदि व्यक्ति स्वयं और अपने परिवेश को साफ रखे, तो उसका पर्यावरण स्वतः साफ होने लगेगा. यदि हमने यह संकल्प ले लिया, तो समझिए स्वास्थ्य का प्रसार शुरू हो जायेगा और हम दीर्घजीवी स्वस्थ लोगों की श्रेणी में आ जायेंगे.

सौजन्य - प्रभात खबर।

Share on Google Plus

About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment