जापान न्यूज
समुद्र के भीतर ऐसी अत्याधुनिक और उच्चक्षमता वाली केबल बिछाने को लेकर जापान, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया आगे आए हैं। जापान की मल्टीनेशनल कंपनी एनईसी कॉर्पोरेशन के मुताबिक, इससे डेटा संप्रेषण क्षमता लगभग 10,000 डीवीडी प्रति सेकंड तक हो जाएगी। इससे तीनों देशों को प्रशांत क्षेत्र में अपने बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखने में मजबूती मिलेगी और वे डेटा की चोरी, सेंधमारी और इंटरनेट की स्पीड कम होने या बंद होने जैसी समस्याओं से भी बच जाएंगे। बताते चलें कि दुनिया भर का 99 प्रतिशत संचार और डेटा ट्रांसफर समुद्र के भीतर बिछाई गई केबल के जरिए होता है। ये केबल पतले ऑप्टिकल फाइबर से बने होते हैं और इन्हें गहरे समुद्र के भीतर गाड़ दिया जाता है। वैश्विक संचार क्षेत्र में वृद्धि के साथ केबल इंस्टॉलेशन की मांग बढ़ती जा रही है।
मार्च में तीनों देशों की सरकारों, उद्योग जगत और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने इस संदर्भ में औपचारिक बैठक कर सबमरीन केबल बिछाने को लेकर सहमति जताई। वे चीन की गतिविधियों को एक-दूसरे से साझा करने पर भी सहमत हुए। पूरे विश्व में समुद्र के नीचे बिछी केबल में 99 फीसदी हिस्सेदारी जापान, अमरीका और यूरोप की कंपनियों की है। चीन चौथे स्थान पर है। यह छिपा नहीं है कि चीन लम्बे अर्से से अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) के जरिए एक बड़ा आर्थिक गुट तैयार कर रहा है। चीन विशेष रूप से प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय देशों पर अपने प्रभाव का विस्तार करने में जुटा है जिनके ताइवान से मित्रतापूर्ण संबंध हैं।
सौजन्य - पत्रिका।
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