चीन से चल रही अमरीका की तल्खी को ट्रम्प एक नए स्तर पर ले जा सकते हैं, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले चीन के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। जापानी मीडिया युकान फूजी से मिली खबर के अनुसार ट्रम्प जल्दी ही ताईवान की यात्रा कर सकते हैं। इस यात्रा से ट्रम्प चीन को एक कड़ा संदेश दे सकते हैं।
सत्ता की चाबी बाइडेन को सौंपने से पहले ट्रम्प लगातार कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं जिसे बदलना बाइडेन के लिए संभव नहीं होगा, इनमें से उनका एक कदम होगा अमरीका-चीन संबंधों में चीन के लिए ऊंची दीवार खड़ी करना। पहले से ही अमरीका से चल रही चीन की तल्खी में और इजाफा होने के पूरे आसार दिखाई दे रहे हैं।
कुछ जानकारों के अनुसार ट्रम्प अपनी चुनावी हार के लिए चीन, रूस और ईरान तीनों देशों को दोषी मान रहे हैं और कुर्सी छोडऩे से पहले ट्रम्प खासकर चीन को एक सबक सिखाने का मन बना चुके हैं। बाइडेन के बारे में कहा जा रहा है कि वह चीन को लेकर कुछ नरम रुख अपना सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ट्रम्प ताईवान जाकर कुछ ऐसे समझौते कर सकते हैं जिसे अगले अमरीकी राष्ट्रपति के लिए नकारना मुश्किल या असंभव होगा। जाते-जाते ट्रम्प कुछ ऐसी अंतर्राष्ट्रीय नीतियां बनाना चाहते हैं जिन्हें बदलना बाइडेन प्रशासन के लिए संभव नहीं होगा।
दरअसल ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में किए कुछ वायदे पूरे नहीं किए थे जो सत्ता छोडऩे से पहले वह पूरे करना चाहते हैं। ट्रम्प द्वारा किए गए वायदों में एक ताईवान की यात्रा करना भी शामिल है। ट्रम्प ने सत्ता संभालते ही पहले की बनी अमरीकी नीतियों को पूरी तरह बदल दिया और ताईवान को बड़ी संख्या में हथियार बेचना शुरू कर दिया, चीन ने इसका विरोध भी किया लेकिन ट्रम्प चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर बहुत नाराज थे और वह ताईवान को लेकर अपनी नीतियों पर डटे रहे। ट्रम्प ने जोर देकर कहा कि उनका ताईवान का दौरा अमरीका-ताईवान मित्रता में एक बड़ा कदम होगा जिससे वह ताईवान-अमरीकी संबंधों पर बाइडेन प्रशासन को एक रुख अपनाने के लिए मजबूर करेंगे। अपने चार साल के राष्ट्रपति काल में डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका-चीन रिश्तों को अभूतपूर्व रूप से बदल कर रख दिया और अपना रुख ताईवान की तरफ कर दिया।
ट्रम्प ने ताईवान को दिए अपने समर्थन में चीन के घोर विरोध के बावजूद अमरीकी हथियारों की बिक्री ताईवान को जारी रखी और साथ ही एक के बाद एक अमरीकी अधिकारियों द्वारा ताईवान का दौरा भी आयोजित करवाया। इतना करने के बाद जब ट्रम्प आधिकारिक तौर पर ताईवान की यात्रा करेंगे तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। इससे हांगकांग, तिब्बत और शिनजियांग के लोगों में उम्मीद की एक किरण फूटेगी जो उन्हें आजादी से भयमुक्त वातावरण में जीने का हौसला देगी। ट्रम्प का ताईवान दौरा उनके कार्यकाल का एक बहुत बढिय़ा फिनिशिंग टच होगा। यह यात्रा वर्तमान अमरीकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स या विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो द्वारा भी हो सकती है।
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‘ताईवान की यात्रा कर ट्रम्प चीन को दे सकते हैं तगड़ा झटका’ (पंजाब केसरी)
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