‘जनसंख्या विस्फोट बना’‘भारत की समस्याओं की जड़’ (पंजाब केसरी)

आज जहां भारत गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्ट्राचार, कुशासन और महंगाई आदि समस्याओं से जूझ रहा है वहीं एक बड़ी समस्या जनसंख्या विस्फोट की भी है। इसी को देखते हुए 1975 में इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुषों

आज जहां भारत गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्ट्राचार, कुशासन और महंगाई आदि समस्याओं से जूझ रहा है वहीं एक बड़ी समस्या जनसंख्या विस्फोट की भी है। इसी को देखते हुए 1975 में इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुषों और महिलाओं की नसबंदी और नलबंदी का अभियान शुरू करवाया था लेकिन इसके कार्यान्वयन के तरीके पर सहमति न बन पाने के परिणामस्वरूप यह अभियान बदनामी का कारण बना। संजय गांधी का विचार बुरा नहीं था लेकिन अभियान को आगे बढ़ाने, नसबंदी और नलबंदी करने व करवाने वालों के लिए प्रोत्साहन तथा अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए ‘लक्ष्य निर्धारित’ करने का ठीक परिणाम नहीं निकला। पैसे के लालच में कुछ स्थानों पर ज्यादतियां हुईं, गलत संदेश गया व कांग्रेस को चुनावों में पराजय झेलनी पड़ी। 

बाद में आई किसी भी सरकार ने इस समस्या को छुआ तक नहीं जिससे आबादी बढ़ती गई। यदि सरकारों और प्रशासन में तालमेल होता और परिवार नियोजन कार्यक्रमों को सही ढंग से लागू किया जाता तो आज हमारा देश इस कदर जनसंख्या विस्फोट का शिकार होकर इससे पैदा समस्याओं से न जूझ रहा होता। देश में गरीबों के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याण योजनाओं का लाभ बढ़ती हुई जनसंख्या निगलती जा रही है। जनसंख्या विस्फोट की समस्या को सामने रखते हुए अक्तूबर 2013 में देश में मुफ्त ‘कंडोम’ और गर्भ निरोधक गोलियों के वितरण व देश में समय-समय पर नलबंदी और नसबंदी शिविर भी लगाने का अभियान शुरू किया गया है परन्तु उसका अधिक संतोषजनक परिणाम नहीं निकला। 

अब श्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को अपने पत्र में बढ़ते प्रदूषण और ‘कोरोना महामारी’ पर ङ्क्षचता प्रकट करने के साथ-साथ जनसंख्या वृद्धि बारे लिखा है : ‘‘देश की राजधानी दिल्ली ‘गैस चैंबर’ और ‘कोरोना कैपिटल’ बन गई है। इस समस्या पर केवल हवा में ही लाठियां घुमाई जा रही हैं तथा असली कारण को नहीं देखा जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण बढ़ती जनसंख्या का विस्फोट है।’’‘‘स्वतंत्रता के बाद 35 करोड़ जनसंख्या से बढ़ते-बढ़ते भारत आज 141 करोड़ जनसंख्या वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। प्रदूषण ही नहीं देश में गरीबी और बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण भी जनसंख्या विस्फोट ही है और इसी कारण ‘ग्लोबल हंगर इन्डैक्स’ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 19 करोड़ लोग प्रतिदिन भूखे पेट सोते हैं।’’ 

‘‘बेरोजगारी के कारण युवा पीढ़ी हताश और निराश है। आत्महत्याएं बढ़ रही हैं। आप (नरेन्द्र मोदी) ने  15 अगस्त, 2019 को कहा था कि जनसंख्या विस्फोट ङ्क्षचता का विषय है। अत: यदि यह विस्फोट है तो आज तक लगभग 500 दिनों में सरकार ने उसे रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं किया?’’ ‘‘कोरोना की वैक्सीन तो आ जाएगी परंतु जनसंख्या विस्फोट के कारण बढ़ती गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी देश के लिए बड़ा संकट बन रहे हैं।’’ अपने उक्त पत्र में श्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले में शीघ्र पहल करने का सुझाव देते हुए कहा है कि ‘‘कश्मीर की ‘धारा 370’ को समाप्त करने से भी अधिक जनसंख्या विस्फोट की समस्या  है। इससे निपटने के लिए अति शीघ्र कानून बनाया जाए और ‘हम दो-हमारे दो, अब सबके भी दो’  का नारा दिया जाए तथा एक बच्चे वाले परिवार को अधिक सुविधाएं दी जाएं।’’ 

श्री शांता कुमार के उक्त सुझावों का कड़ाई से पालन करते हुए परिवार नियोजन को बढ़ावा देना आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत है। समाज के सभी वर्गों के लोगों को इसके लिए प्रेरित करने के लिए आसान भाषा में मार्गदर्शक साहित्य वितरित करके लोगों को बढ़ती जनसंख्या की हानियों के प्रति जागरूक करके परिवार नियोजन के साधन अपना कर कम बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारण निरक्षरता भी है, अत: इसके उन्मूलन के लिए भी सक्रिय प्रयास करने की आवश्यकता है। कम बच्चे होने से न सिर्फ पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा बल्कि रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होने से बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनेगा, परिवारों की समृद्धि और खुशहाली में वृद्धि होगी तथा देश तेजी से आगे बढ़ेगा।—विजय कुमार 

सौजन्य - पंजाब केसरी।

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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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