चिंता की बात यह है कि ब्रिटेन से आए कई लोग इधर-उधर छिप गए हैं। यह खुद के साथ औरों को भी जोखिम में डालने वाली हरकत है। ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्ती बरती जानी चाहिए।
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड नामक कोविड-19 रोधी वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश यही बताती है कि अब उसकी मंजूरी की औपचारिकता ही शेष है। आशा की जा रही है कि टीकाकरण का देशव्यापी अभ्यास पूरा होने के साथ ही उसके अमल का विवरण भी सामने आ जाएगा। नि:संदेह यह विवरण राहत की एक बड़ी खबर और नए साल के तोहफे की तरह होगा, क्योंकि वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। यह बेसब्री इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में टीकाकरण शुरू हो गया है। अच्छी बात यह है कि सीरम इंस्टीट्यूट के साथ-साथ अन्य कंपनियों की भी वैक्सीन मंजूरी के इंतजार में हैं। इन्हें भी मंजूरी मिलने से टीकाकरण के अभियान को गति देने में मदद मिलेगी। इसे गति देने की जरूरत भी होगी, क्योंकि पहले चरण में ही 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है। चूंकि यह एक बड़ी संख्या है इसलिए यह स्वाभाविक है कि इन सभी को वैक्सीन लगाने में समय लगेगा।
टीकाकरण अभियान सही तरह से चले और पात्र लोग ही बिना किसी परेशानी और गफलत के उससे लाभान्वित हों, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ सभी संबंधित विभागों को गंभीरता का परिचय देना होगा। ऐसा कोई अभियान तभी सफल हो सकता है, जब उसमें शामिल लोग हर स्तर पर तालमेल कायम करेंगे। उम्मीद है कि ऐसा ही होगा और यह अभियान एक मिसाल बनेगा। इस उम्मीद के बाद भी कुछ समय तक धैर्य धारण करने और कोरोना के संक्रमण से बचे रहने के लिए जरूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी, क्योंकि वैक्सीन की दूसरी खुराक के उपरांत ही लोगों का शरीर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने की क्षमता से लैस हो पाएगा। साफ है कि यह मानकर नहीं चला जाना चाहिए कि टीकाकरण शुरू होते ही महामारी से पीछा छूट जाएगा। नि:संदेह उसका असर कम होना शुरू हो जाएगा, लेकिन उससे मुक्ति पाने में समय लग सकता है। टीकाकरण शुरू होने के बाद भी सतर्कता का परिचय देने की आवश्यकता इसलिए भी होगी, क्योंकि कोरोना वायरस के उस बदले हुए रूप ने भारत में भी दस्तक दे दी है, जिसने ब्रिटेन में चिंताजनक स्थितियां पैदा कर दी हैं। अपने देश में अभी तक कोरोना वायरस के इस बदले हुए रूप से ग्रस्त लोगों की संख्या 30 के करीब पहुंच गई है। हालांकि यह बहुत घातक नहीं है, लेकिन उसका संक्रमण कहीं तेजी से फैलता है। चिंता की बात यह है कि ब्रिटेन से आए कई लोग इधर-उधर छिप गए हैं। यह खुद के साथ औरों को भी जोखिम में डालने वाली हरकत है। ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्ती बरती जानी चाहिए।
सौजन्य - दैनिक जागरण।
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