पोप फ्रांसिस, ईसाई धर्म गुरु
सब जानते हैं कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है। इसलिए जल को बर्बाद या प्रदूषित नहीं किया जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि पानी सभी के लिए सुलभ हो। चिंता की बात यह है कि विश्व के 2.2 अरब लोग पीने योग्य पानी के लिए मशक्कत कर रहे हैं। यानी प्यासे को पानी पिलाने के लिए दुनियाभर में बहुत किया जाना चाहिए। जल के संरक्षण और उपयोग में अधिक जिम्मेदार होना है, क्योंकि यह हमारे ग्रह के संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
बिना पानी यहां कोई जीवन, कोई शहरी गतिविधि, कृषि या पशु पालन संभव नहीं है। फिर भी जल संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसे बर्बाद करना, इसकी अवहेलना करना या इसे दूषित करना एक गलती है, जो लगातार दोहराई जा रही है। यह वाकई चिंता की बात है कि विकास और तकनीकी प्रगति के युग में पीने का पानी हर किसी की पहुंच में नहीं है।
सौजन्य - पत्रिका।
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