पिछले हफ्ते रोज औसतन 12.6 लाख डोज दिए गए। तुलनात्मक रूप से देखें तो अमेरिका के बाद यह संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। वहां रोज औसतन 25 लाख डोज दिए जा रहे हैं। हालांकि इस बीच यूरोपीय देशों में ऐस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड वैक्सीन का बढ़ता विरोध भी कई सवाल खड़े कर रहा है।
देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में आ रही तेजी अब गंभीर रूप लेती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना के 26,291 नए मामले दर्ज किए गए जो इस साल एक दिन में दर्ज हुई अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। सबसे बुरी स्थिति महाराष्ट्र की है। पिछले 24 घंटे में अकेले महाराष्ट्र में 16,620 नए केस दर्ज हुए जो कुल नए केसों का 63.21 फीसदी है। देश में अभी कुल 2.12 लाख एक्टिव केसों में से 1.27 लाख सिर्फ महाराष्ट्र में हैं। गौर करने की बात यह भी है कि सोमवार को नए केसों की संख्या में दिख रही तेजी कोई अपवाद या अचानक आई एक दिन की तेजी नहीं है। यह लगातार पांचवां दिन है जब नए केसों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जाहिर है, इस तथ्य से आंखें नहीं चुराई जा सकतीं कि कोरोना के मोर्चे पर हालात एक बार फिर बिगड़ने लगे हैं। अभी दो-तीन दिन पहले ही यह कहा गया था कि यह पैंडेमिक अब एंडेमिक बन रहा है, यानी कोरोना महामारी अब खात्मे की ओर है। हालांकि तब भी विशेषज्ञों ने इसे अति उत्साह बताते हुए ऐसे दावों से बचने की सलाह दी थी। इन दावों का प्रभाव हो या न हो, पर आम जनता के बड़े हिस्से में यह धारणा बन गई लगती है कि कोरोना अब कोई खास चुनौती नहीं रही। इसका संकेत हमें देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ के व्यवहार में दिख रहा है।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ हुए टी-20 मैच में दर्शकों की भीड़ हैरान कर रही थी। उस भीड़ में मास्क से ढका एक भी चेहरा खोजना मुश्किल था। अन्य राज्यों की तो बात ही छोड़िए महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी दादर के भीड़ भरे बाजार की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। बहरहाल, देश में टीकाकरण अभियान जरूर तेजी पर है। पिछले हफ्ते रोज औसतन 12.6 लाख डोज दिए गए। तुलनात्मक रूप से देखें तो अमेरिका के बाद यह संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। वहां रोज औसतन 25 लाख डोज दिए जा रहे हैं। हालांकि इस बीच यूरोपीय देशों में ऐस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड वैक्सीन का बढ़ता विरोध भी कई सवाल खड़े कर रहा है। डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नॉर्वे, लिथुआनिया, एस्तोनिया, आइसलैंड जैसे कई देशों में इस टीके के साइड इफेक्ट्स को लेकर आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इस पर तात्कालिक रूप से रोक लगा दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जरूर आश्वस्त किया है कि टीके को लेकर आशंकाएं पालने या इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है, लेकिन भारत सरकार ने इसके भारतीय संस्करण कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स की और गहरी समीक्षा करने का फैसला किया है। ऐसे में जब आने वाले कुछ दिन वैक्सीन को लेकर अनिश्चितता बढ़ाने वाले हो सकते हैं, मास्क और दो गज दूरी जैसे आजमाए हुए उपायों पर अमल की जरूरत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
सौजन्य - नवभारत टाइम्स।
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