कोरोना से जंग जारी (प्रभात खबर)

सालभर पहले कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन जैसा कड़ा कदम उठाया गया था. चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने के बाद भी कई पांबंदियां चलती रही हैं, जो आज भी कमोबेश जारी हैं. इन उपायों के साथ संक्रमण की जांच, उपचार, निर्देश और जागरूकता पर भी समुचित ध्यान दिया जाता रहा. इस कवायद में हमारी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान तो उठाना पड़ा, लेकिन भारत बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित होने और जान गंवाने से बचाने में कामयाब रहा है.

इस संबंध में हुए अध्ययनों के आंकड़ों और निष्कर्षों में कुछ अंतर तो है, लेकिन सभी इस बात से सहमत हैं कि अनेक विकसित और समकक्ष देशों की तुलना में हमारा देश इस वैश्विक महामारी का सामना बेहतर ढंग से कर सका है. सरकार द्वारा नियुक्त समिति का कहना है कि यदि लॉकडाउन नहीं लगाया जाता, तो जून के अंत तक संक्रमितों की संख्या 1.40 करोड़ हो सकती थी और चरम स्थिति में सक्रिय मामले 50 लाख के आसपास होते. जून, 2020 में संक्रमितों की कुल संख्या छह लाख से कम थी और सितंबर में महामारी के सबसे गंभीर दौर में सक्रिय मामले लगभग दस लाख रहे थे.

प्रो एम विद्यासागर के नेतृत्ववाली इस समिति का यह भी आकलन है कि लॉकडाउन नहीं होने से मृतकों की संख्या 26 लाख से अधिक हो सकती थी. अमेरिका जैसे विकसित और साधनसंपन्न तथा ब्राजील जैसे भारत के समकक्ष विकासशील देश लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों को ठीक से लागू नहीं कर सके थे. इन देशों के साथ अगर हम कुछ विकसित यूरोपीय देशों के प्रदर्शन को रखें, तो संक्रमण और मृत्यु की दरों के लिहाज से भारत उन देशों में शामिल हैं, जहां ये सबसे कम हैं.


हमें यह भी याद रखना चाहिए कि शासन-प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद देश के अनेक हिस्सों में धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक आयोजनों, पर्व-त्योहारों और बाजारों में भीड़ जुटने तथा निर्देशों के लापरवाह उल्लंघन के कई मामले भी सामने आते रहे. स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के साथ लोगों के खराब बर्ताव के मामले भी हुए. इसके बावजूद, प्रशासनिक मुस्तैदी और व्यापक जागरूकता के साथ वैश्विक महामारी का मुकाबला किया जा सका.

सौजन्य - प्रभात खबर।

Share on Google Plus

About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment