आज हमारा देश घोटालों का देश बनकर रह गया है और कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जिसमें कोई न कोई घोटाला या हेराफेरी न हुई हो। इस बुराई को रोकने में केंद्र और राज्य सरकारें विफल हो रही हैं। मध्यप्रदेश में 2012-13 में हुए बहुचॢचत व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाले ने लाखों युवाओं का भविष्य चौपट कर दिया जिसमें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 45 लोगों की मौत हुई थी और अभी तक इस मामले की जांच लटकी हुई है। सरकारी नौकरियां या रोजगार देने के नाम पर की जा रही हेराफेरी के चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
* 5 मार्च को आंध्र प्रदेश में हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने बोगस रोजगार स्कैंडल का पर्दाफाश करते हुए फेसबुक और व्हाट्सएप पर नकली अकाऊंट बनाकर भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों को ठगने वाले गिरोह के 2 सदस्यों अब्दुल मजीद और सर्वेश साहू को पकड़ा। यह गिरोह दिल्ली स्थित रेलवे मुख्यालय में अपने सम्पर्कों के माध्यम से नकली नियुक्ति पत्र जारी करता था।
* 10 मार्च को झारखंड के रांची में सी.बी.आई. ने ‘रांची महिला महाविद्यालय’ में अंग्रेजी की एक सहायक प्रोफैसर ‘ममता केरकेट्टा’ को महाविद्यालय के लैक्चरार भर्ती के एक पुराने स्कैंडल में संलिप्तता के सिलसिले में गिरफ्तार किया। इस संबंध में सी.बी.आई. ने 69 लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दायर की थी। इस घोटाले में परीक्षा के दौरान कुछ उम्मीदवारों की अंक तालिकाओं में हेराफेरी की गई ताकि उनका चयन यकीनी दर्शाया जा सके।
* 11 मार्च को कर्नाटक के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई ने ‘नौकरी के बदले सैक्स’ मामले में भाजपा विधायक तथा पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली बारे जांच जल्द पूरी करने का विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) को आदेश दिया। इस मामले के सामने आने के बाद 3 मार्च को जारकीहोली को मंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था और उन्होंने कहा था कि आपत्तिजनक वीडियो दिखाकर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई है। यह सैक्स टेप कर्नाटक के एक न्यूज चैनल ने चलाया था जिसमें उन्हें कथित रूप से एक महिला को गालियां निकालते हुए और सरकारी नौकरी देने के बदले में उससे यौन संबंध बनाने की मांग करते दिखाया गया था।
* और अब 22 मार्च को सेना के जवानों की भर्ती से जुड़े मामले में मैडीकल टैस्ट के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद सी.बी.आई. ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सरकारी सूत्रों के हवाले से आई रिपोर्टों के अनुसार हरियाणा में तैनात सेना के एक डाक्टर को जवानों के मैडीकल टैस्ट कराने में धांधली करने के लिए जांच का सामना करना पड़ेगा। सेना में भर्ती किए गए करीब 42 प्रतिशत जवान अपना पहला मैडीकल टैस्ट क्लीयर नहीं करने के बावजूद एक महीने बाद आयोजित होने वाले रिव्यू मैडीकल बोर्ड तक पहुंच गए। इन भर्तियों के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को समीक्षा मैडीकल बोर्ड से गुजरना पड़ता है। चीफ ऑफ डिफैंस स्टाफ (सी.डी.एस.) जनरल बिपिन रावत ने संबंधित अधिकारियों को नैतिक मर्यादा और वित्तीय गड़बडिय़ों के मामलों में लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए।
यही नहीं जहां विभिन्न नौकरियों में भर्ती के लिए फर्जीवाड़े का सहारा लिए जाने के मामले पकड़े जा रहे हैं वहीं अब विदेशों में नौकरी के मोह में छुट्टी लेकर दूसरे देशों में बैठे कुछ सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई शुरू की गई है जो सरकार द्वारा नोटिस भेजने के बावजूद स्वदेश लौट कर ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर रहे। इसी सिलसिले में 22 मार्च को पटियाला के एस.एस.पी. विक्रमजीत दुग्गल ने लंबे समय से गैर हाजिर पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय पूछताछ पूरी होने के बाद उन्हें नौकरी से डिसमिस करने के आदेश जारी किए हैं।
लम्बे समय से गैर-हाजिर सरकारी कर्मियों की सेवाएं समाप्त करना एक अच्छा कदम है परंतु देश के सार्वजनिक सेवा कानून में सुधार करके इसमें ऐसे प्रावधान जोडऩे की जरूरत है जिनसे सरकारी कर्मियों के एक निश्चित अवधि के बाद ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर उनकी सेवाएं स्वत: ही समाप्त हो जाएं। इसी प्रकार नौकरियों में फर्जीवाड़ा करके बेरोजगार युवाओं से छल करने के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए भी फास्ट ट्रैक अदालतों में मामले निपटा कर उन्हें तुरंत कड़ा दंड देने की आवश्यकता है।—विजय कुमार
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‘सरकारी नौकरियों में गंभीर फर्जीवाड़ा’‘दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जरूरत’ (पंजाब केसरी)
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