खेल संस्थानों के ‘कोचों द्वारा’ ‘महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण’ (पंजाब केसरी)

बलात्कार और यौन शोषण की बुराई समाज के हर क्षेत्र में फैलती जा रही है। यहां तक कि शिक्षा और खेल संस्थानों में भी अध्यापकों और कोचों द्वारा अपने अधीन पढ़ने या प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं या खिलाडिनों से बलात्कार, यौन शोषण व उत्पीडऩ की शिकायतें आम हो गई

बलात्कार और यौन शोषण की बुराई समाज के हर क्षेत्र में फैलती जा रही है। यहां तक कि शिक्षा और खेल संस्थानों में भी अध्यापकों और कोचों द्वारा अपने अधीन पढ़ने या प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं या खिलाडिनों से बलात्कार, यौन शोषण व उत्पीडऩ की शिकायतें आम हो गई हैं। जनवरी 2014 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के हिसार स्थित प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 5 नाबालिग छात्राओं ने अपने कोच पर ‘विश्व चुंबन दिवस’ के बहाने उन्हें चूमने और गलत ढंग से उनके शरीर को छूने का आरोप लगाया था और जांच के बाद अधिकारियों ने उक्त लड़कियों की शिकायत को सही पाया था। 

‘स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (साई) के नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 वर्षों में ‘साई’ में यौन शोषण की 45 शिकायतें दी गई हैं जिनमें से 29 कोचों के विरुद्ध थीं। खिलाडिऩों के यौन शोषण व उत्पीडऩ के मात्र पिछले चार महीनों के उदाहरण निम्र में दर्ज हैं: 

* 10 दिसम्बर, 2020 को सी.आर.पी.एफ. के लिए कुश्ती स्पर्धाओं में अनेक पदक जीत चुकी एक 30 वर्षीय महिला कांस्टेबल ने अपने कुश्ती कोच और मुख्य खेल अधिकारी पर उसके यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में 3 वर्ष तक उसके साथ रेप किया गया। 

* 23 दिसम्बर, 2020 को हरियाणा की एक 23 वर्षीय महिला खिलाड़ी ने एक कबड्डी कोच पर नौकरी दिलाने के बहाने उससे बलात्कार करने का आरोप लगाया। कोच के विरुद्ध गुरुग्राम सैक्टर 9-ए के थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।
* 19 फरवरी, 2021 को गुरुग्राम की एक स्पोर्ट्स एकैडमी में काम करने वाले कोच के विरुद्ध एक महिला से दोस्ती के बाद शादी का झांसा देकर उससे 2 वर्ष तक बलात्कार करने, उसका वीडियो बनाने और वायरल करने की धमकी देने के आरोप में केस दर्ज किया गया। 

* 22 फरवरी को भोपाल की महिला वेट लिफ्टर की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी कोच को हरिद्वार से गिरफ्तार किया। कोच ने यह हत्या युवती द्वारा उसके विरुद्ध बलात्कार की शिकायत दर्ज करवाने के कारण की। 
* 10 मार्च को मुम्बई में एक 30 वर्षीय बॉक्सिंग कोच को एक 14 वर्षीय नाबालिग से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। बलात्कार पीड़िता के अनुसार कोच ने उसे धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसका करियर खराब कर देगा। 

* और अब 27 मार्च को जींद पुलिस ने क्षेत्र के एक राजकीय स्कूल के अखाड़े में कुश्ती सीखने वाली 14 वर्षीय छात्रा के साथ उसके कोच द्वारा उससे बलात्कार करने और किसी को बताने पर बुरा अंजाम भुगतने की चेतावनी देने पर महिला थाना पुलिस ने छात्रा के पिता की शिकायत पर कोच के विरुद्ध बलात्कार, पोक्सो कानून और एस.सी./एस.टी. कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 28 मार्च को मामला दर्ज किया है। अधिकारियों के अनुसार आमतौर पर कोचों आदि द्वारा अपना करियर खराब कर देने के डर से महिलाएं अपनी शिकायतें वापस ले लेती हैं या बयान बदल देती हैं जिससे दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करना कठिन हो जाता है। 

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि टोक्यो (जापान) में इस वर्ष 23 जुलाई से 8 अगस्त तक प्रस्तावित ओलिम्पिक खेलों की तैयारी में जुटे 64 खेलों के कोचों में से सिर्फ 4 खेलों की महिला कोच हैं। खिलाडिऩों द्वारा कोचों के यौन शोषण का शिकार होने के पीछे एक कारण यह भी है कि खेल संस्थानों में महिला कोचों की संख्या बहुत कम है। लिहाजा जहां खेल संस्थानों में सभी स्तरों पर महिला कोचों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि महिला खिलाडिय़ों की पुरुष कोचों पर निर्भरता कुछ कम की जा सके, वहीं दोषी कोचों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की भी जरूरत है ताकि इस बुराई पर रोक लग सके।—विजय कुमार


सौजन्य - पंजाब केसरी।
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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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