अमेरिका पर हमला (बिजनेस स्टैंडर्ड)

विश्व के तानाशाहों और लोकतांत्रिक शासकों ने जब हथियारबंद भीड़ को दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क की संसद यानी यूएस कैपिटल पर हमले का स्तब्ध करने वाला सजीव प्रसारण देखा होगा तो वे यह समझ गए होंगे कि वे इस महाशक्ति के पराभव के ऐसे घटनाक्रम के साक्षी बन रहे थे जिसे शायद बदला नहीं जा सकता। इस घटना में चार लोग मारे गए। अमेरिकी लोकतंत्र के हृदयस्थल पर यह हमला दुनिया के सबसे ताकतवर नेता और देश के निवर्तमान राष्ट्रपति द्वारा भड़काया गया।

कांग्रेस के देरी से हुए संयुक्त सत्र में यह पुष्टि कर दी गई कि जो बाइडन अगले राष्ट्रपति होंगे। बीते दो दशकों से सत्ता परिवर्तन में यही औपचारिकता अपनाई जाती है। इसके तुरंत बाद ट्रंप ने एक वक्तव्य जारी करके कहा कि 20 जनवरी को व्यवस्थित ढंग से सत्ता परिवर्तन होगा लेकिन इस बीच उन्होंने मतगणना में धोखाधड़ी का अपना आरोप दोहराया। इसके बाद उनके ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया।


यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उनका यह आश्वस्तकारी बयान उन्हें कांग्रेस के समक्ष दोष से बचा पाएगा। उन पर महाभियोग चलता है या संविधान का 25वां संशोधन लागू किया जाता है जो बताता है कि एक अमेरिकी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति को कैसे प्रतिस्थापित करना चाहिए। जो भी हो लेकिन बुधवार के हमले के लिए ट्रंप इकलौते दोषी हैं, इसे झुठलाया नहीं जा सकता। ट्रंप, सन 2016 में अपने निर्वाचन के बाद से ही अमेरिकी लोकतांत्रिक परंपराओं पर हमला करते रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस में उनके समर्थन और उनके दानदाता आधार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। परंतु नवंबर में उन्होंने बाइडन की जीत के बाद जो अभियान छेड़ा वह जनता के मत का सीधा अपमान है। अधिकांश अमेरिकी सांसद उसे अत्यंत पवित्र मानते हैं। चुनाव परिणाम को न्यायालय में चुनौती देना ट्रंप के अधिकार क्षेत्र में था और उन्होंने ऐसा किया भी। परंतु उन सभी मामलों में पराजित होने के बाद उन्होंने भड़काऊ बातों और विचित्र षडयंत्र सिद्धांतों का सहारा लिया ताकि अपने समर्थकों को भड़का सकें और कांग्रेस में अपने साथियों पर दबाव बना सकें। यह वह राह है जो जनता को भड़काने वाले तानाशाह चुनते हैं।


जब यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस में उनके दो सबसे शक्तिशाली साथी उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सीनेट में बहुमत के नेत मिच मैकॉनेल उनके दावों के साथ नहीं हैं तो ट्रंप ने अपने समर्थकों को वॉशिंगटन में रैली करने के लिए जुटाना शुरू किया। व्हाइट हाउस के दक्षिण में स्थित एक पार्क में ऐसे सैकड़ों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए ट्रंप और उनके बेटों ने ऐसी भाषा इस्तेमाल की जो माफिया डॉन को अधिक शोभा देती। ट्रंप की ओर से अधिवक्ता रुडी गुइलियानी ने चुनाव का मामला आमने-सामने की लड़ाई के जरिये हल करने की बात कही जबकि ट्रंप ने अपने समर्थकों से कहा कि वे संसद की कार्यवाही के बीच ही उसकी ओर मार्च करें। एरिजोना और पेंसिलवेनिया में बाइडन की जीत को चुनौती दोनों सदनों में नाकाम रही और जॉर्जिया से पराजित रिपब्लिकन सीनेटरों ने कांग्रेस पर हुए हमले के आलोक मे अपनी चुनौती वापस लेने का निर्णय लिया।


बाइडन के लिए यह जीत सस्ती नहीं रही है। ट्रंप समर्थकों के कांग्रेस के सुरक्षा दस्तों और राष्ट्रीय दस्ते से उलझने के दृश्य तथा कांग्रेस कार्यालयों में उनकी तोडफ़ोड़ की छवियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के संस्थागत प्राधिकार को क्षति पहुंचाई है। जबकि इस समय जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी को देखते हुए वैश्विक नेतृत्व की आवश्यकता थी। बुधवार की घटना के बाद व्लादीमिर पुतिन और शी चिनफिंग उत्साहित हुए होंगे। संभव है ट्रंप के दिन अब अपयश के साथ बीतें लेकिन अपने कार्यकाल के अंत में वह अमेरिका को एक बार फिर कमजोर कर गए।

सौजन्य - बिजनेस स्टैंडर्ड।

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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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