जीवन बदलने वाले चमत्कारी शब्द ( दैनिक ट्रिब्यून)

रेनू सैनी


नया वर्ष दस्तक दे चुका है। जाने वाला वर्ष आम वर्षों से बेहद अलग रहा। कोरोना जैसी महामारी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। 2020 को विदा करने के साथ ही हर व्यक्ति ने दिल से यही दुआ की कि वर्ष 2021 में विश्व कोरोना मुक्त हो जाए। लोग नव वर्ष के आगमन की खुशी में नये-नये संकल्प ले रहे हैं। कोई वजन कम करने का संकल्प ले रहा है, कोई सुबह जल्दी उठने का, कोई नियमित व्यायाम करने का तो कोई अच्छा पद प्राप्त करने का।


हालांकि यह भी सच है कि इनमें से कइयों के संकल्प नये साल के पन्द्रह दिन होते ही गायब होने लगेंगे और पहले की तरह ही दिनचर्या चलने लगेगी। आपने इस वर्ष क्या संकल्प लिया? अगर आपने इस वर्ष का संकल्प चुन लिया है तो बधाई, पर हां अपने उस संकल्प को कमज़ोर मत होने दीजिएगा, उसे पूरा कीजिएगा। आपके संकल्पों को पूरा करने में शब्दों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। तो चलिए जान लें कि किन शब्दों का प्रयोग करके अपने सपनों को पूरा करके नये साल को अधिक सफल बनाया जा सकता है।


कई बार लोग अपने सुझावों और आदेशों का पालन न होने पर बेहद कठोर रणनीति अपना लेते हैं। इसी कारण उनके शत्रु बनते देर नहीं लगती। शत्रु संकल्पों को पूरा करने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। इस साल कठोर बनने के बजाय शब्दों का प्रयोग कर लचीला बनना सीखें। सकारात्मक और रचनात्मक नीति हर विपरीत परिस्थिति को सहेज देती है। यह बेहद कारगर नीति है।


एक बार अलबामा यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध फुटबॉल कोच पॉल बियर ब्रायन्ट से पूछा गया कि चैम्पियन फुटबॉल टीम बनाने के लिए किस चीज की सबसे अधिक आवश्यकता होती है? उन्होंने कहा, ‘मैं अरकांसस का किसान हूं। मैंने यह सीख लिया है कि टीम को इकट्ठा कैसे रखा जाता है। किस तरह कुछ लोगों को ऊपर उठाया जाता है, बाकियों को कैसे शांत किया जाता है, जब तक कि आखिरकार उनके दिल एक सुर में न धड़कने लगें-एक टीम। मैं बस उन्हें तीन चीज करने के लिए कहता हूं :- अगर कोई चीज खराब हुई है, ‘तो मैंने की है।’ -अगर कोई चीज आधी अच्छी हुई है, तो हमने की है। -अगर कोई चीज सचमुच अच्छी हुई है, तो आपने की है।’ ब्रायन्ट का मानना था कि ये सचमुच शक्तिदायक शब्द हैं।


सकारात्मक शब्दों की ताकत को आज विश्व के कोने-कोने में जाना जाता है। यह बात वास्तव में सत्य है कि आप ब्रह्माण्ड से जो भी मांगोगे, वह आपको किसी भी तरह से मिलेगा। इसलिए शब्दों में सकारात्मकता, सच्चाई, निष्कपटता और मेहनत का झलकना जरूरी है। अटलांटा के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में एक साइनबोर्ड लगा हुआ था। उस साइनबोर्ड में लिखा था :- अंग्रेजी भाषा के छह सबसे महत्वपूर्ण शब्द हैं : मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं। पांच सबसे महत्वपूर्ण शब्द हैं : ‘आपने बेहतरीन काम किया है।’ चार सबसे महत्वपूर्ण शब्द हैं, ‘आपकी राय क्या है?’ तीन सबसे महत्वपूर्ण शब्द हैं, ‘अगर आप चाहें।’ दो सबसे महत्वपूर्ण शब्द, ‘आपको धन्यवाद।’ एक सबसे महत्वपूर्ण शब्द, ‘हम।’ सबसे कम महत्वपूर्ण शब्द, ‘मैं।’


सकारात्मक सोच में यदि लचीले शब्द डाल दिए जाएं तो फिर लोहा भी टूट जाता है। इसलिए अपने शब्दों पर गौर करें और उन्हें बदलने का प्रयत्न करें। यदि आपके शब्दों से लोग नाराज हो जाते हैं, आपके काम बिगड़ जाते हैं तो तुरंत लचीले शब्दों को अपने जीवन में लाने का प्रयत्न करें। हर स्थिति में मतभेद से कार्य बिगड़ जाते हैं, इसलिए मतभेद के बजाय सहमति एवं मन मिलाने का प्रयत्न करें। प्रतिरोध के बजाय खुले दिमाग वाला बनने का प्रयत्न करें। उपरोक्त एक से लेकर छह शब्द बेहद शक्तिशाली, खुली सोच वाले और सकारात्मक हैं। इनका प्रयोग करना आरंभ करें। कुछ ही समय बाद आपको यह ज्ञात हो जाएगा कि ‘बिना टूटे झुकने’ और ‘बिना हारे प्रेम करने’ का क्या अर्थ होता है। एक फ्रांसीसी सूक्ति है कि ‘महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप क्या कहते हैं, महत्वपूर्ण तो यह है कि आप किस तरह कहते हैं।’


आप जिन शब्दों को लगातार बोलते हैं, वही आपकी किस्मत बनाते या बिगाड़ते हैं। किस्मत ऊपर से नहीं बनती बल्कि आपके शब्दों के चयन से बनती है। अनेक विवाद केवल शब्दों के हेर फेर से पनपते हैं और हैरानी की बात यह है कि अनेक विवादों का अंत भी केवल समझदारी भरे शब्दों का चयन करके ही किया जा सकता है। समझदारी भरे छह शब्द आपके सामने हैं। आप इस नव वर्ष पर उनका प्रयोग करने की आदत डालें। धीरे-धीरे ये शब्द कुछ ही समय में आपकी किस्मत, व्यक्तित्व, कामयाबी सबको बदल देंगे।

सौजन्य - दैनिक ट्रिब्यून।

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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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