साइंस एंड टेक : नेट न्यूट्रैलिटी से ओपन इंटरनेट को बढ़ावा (पत्रिका)

टोनी रॉम

दुनिया भर में डेटा प्राइवेसी पर मची हाय-तौबा के बीच कैलिफोर्निया में एक अदालती फैसले से जल्द ही नेट न्यूट्रैलिटी कानून लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। एक संघीय न्यायाधीश ने दूरसंचार प्रदाताओं के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। इंटरनेट प्रदाताओं का कहना था कि इंटरनेट विनियमन से नवाचार रुक जाएंगे। इस फैसले से उन लोगों की बड़ी जीत हुई है जो इंटरनेट पर हर यूजर के साथ समानता का व्यवहार करने की वकालत करते रहे हैं।

इस फैसले से कैलिफोर्निया की अगुवाई में अन्य राज्य भी आगे बढ़ सकते हैं। दरअसल, तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने संघीय न्यूट्रैलिटी कानून को वापस ले लिया था। कानून वापस लिए जाने के महीनों बाद कैलिफोर्निया ने सितम्बर 2018 में अपना खुद का कानून बनाया था। सांसदों का कहना था कि उस समय उनके पास वेब ट्रैफिक को अवरुद्ध करने, धीमा करने, कुछ कंटेंट अथवा सेवाओं की तेज डिलीवरी पर चार्ज करने से इंटरनेट प्रदाताओं को रोकने के लिए अपने खुद का कानून बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। लेकिन कैलिफोर्निया का नेट न्यूट्रैलिटी कानून, कानूनी दांवपेंच में घिर गया। ट्रंप युग में न्याय विभाग ने कानून बनने के कुछ ही घंटों के भीतर इसे रोक दिया। दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्रमुख लॉबीइंग समूहों की मदद से जल्द ही मुकदमा दायर कर दिया। इनका तर्क था द्ग 'संघीय सरकार ने विशेष रूप से राज्यों को अपने खुद के नेट न्यूट्रैलिटी कानून को अपनाने से रोक दिया था। कैलिफोर्निया का कानून 'असंवैधानिक राज्य विनियमन का एक उत्कृष्ट उदाहरण' है।'

वर्ष 2020 में राष्ट्रपति चुनाव होने तक यह मामला अदालत में लटका रहा। बाइडन प्रशासन की शुरुआती कार्रवाइयों में से एक के रूप में न्याय विभाग ने इस माह की शुरुआत में घोषणा की कि वे मुकदमे को वापस ले लेंगे। इससे 'ओपन इंटरनेट' की वकालत करने वालों में आशा की किरण जगी। मंगलवार को कैलिफोर्निया के पूर्वी जिला जज ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया। इसे नेट न्यूट्रैलिटी समर्थकों ने एक बड़ी जीत के रूप में देखा।

बेंटन इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडबैंड एंड एएमपी समूह, जिसने कैलिफोर्निया के कानून के पक्ष में मामला दर्ज कराया था, ने इसे बड़ी जीत के रूप में निरूपित किया है। फैसले पर संभावित अपील का संकेत देते हुए चार व्यापारिक समूहों, जिन्होंने मुकदमा दायर किया था, का कहना है कि अगला कदम उठाने से पहले वे फैसले की समीक्षा करेंगे। उन्होंने संयुक्त बयान में कहा है कि इंटरनेट विनियमन से उपभोक्ता भ्रमित होंगे। यह भी कहा कि कांग्रेस को 'ओपन इंटरनेट' के लिए कानूनों को संहिताबद्ध करना चाहिए। कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
द वाशिंगटन पोस्ट
(लेखक टेक्नोलॉजी पॉलिसी रिपोर्टर हैं)

सौजन्य - पत्रिका।
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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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