टीके का अर्थशास्त्र (राष्ट्रीय सहारा)

दुनिया भर में भारत की छवि को एक हाथी के तौर पर प्रस्तावित किया जाता है‚ अपनी मंथर गति से चलता हुआ हाथी। पर हालात अब ऐसे हैं कि कोरोना की गति तो तूफानी हो गई है और उसके खिलाफ संघर्ष भी मंथर गति से चल रहा है। अभी यह बहस चल रही है कि टीकाकरण का खर्च कौन करेगा‚ मुफ्त होना चाहिए या केंद्र को ही वहन कर लेना चाहिए या राज्यों को भी इसमें हिस्सेदारी निभानी चाहिए। यह आग लगने पर कुआं खोदने जैसा नहीं है‚ यह स्थिति तो आग लग जाने के बाद कुआं खोदने पर चर्चा जैसा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार चाहे‚ तो वैक्सीन का पूरा खर्च उठा सकती है।


 उनका कहना है कि चालू वित्त वर्ष यानी २०२०–२१ में विकास दर १०.५ फीसदी संभव है। ऐसी स्थिति में टीके पर खर्च को एक तरह से वित्तीय निवेश के तौर पर ही देखा जाना चाहिए। राजीव कुमार की बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कोरोना सिर्फ स्वास्थ्य आपदा नहीं है‚ यह आÌथक आपदा भी है। लोगों ने डर कर घर से बाहर निकलना छोड़ दिया है। होटल‚ पर्यटन‚ शॉपिंगमॉल‚ सारे कारोबार ठप हो गए हैं। लोगों का डर तब जाएगा‚ जब व्यापक टीकाकरण हो जाएगा। टीकाकरण की रफ्तार अभी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंची है। करीब १३० करोड़ के देश में अभी बीस करोड़ लोग भी टीका–संरक्षित नहीं हुए हैं। एक बड़ी बाधा वित्तीय बाधा है। राज्य सरकारों के पास संसाधनों का संकट है‚ यूं केंद्र के पास भी खुला खजाना नहीं है। पर केंद्र सरकार की संसाधन संग्रह क्षमता राज्य सरकारों के मुकाबले ज्यादा है।


 यह समय ज्यादा अगर मगर का नहीं है। टीकाकरण के लिए संसाधनों का संग्रह किया जाए और तेज गति से टीकाकरण किया जाए‚ शिविर लगाकर किया जाए। घर–घर जाकर किया जाए‚ पर तेज गति से किया जाए। टीका संरक्षित लोग घर से बाहर निकलेंगे‚ रोजगार–धंधा बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था में चमक आएगी। राजीव कुमार के सुझाव को गंभीरता से लेकर त्वरित पहलकदमी होनी चाहिए। कोरोना आÌथक आपदा है और उसका अर्थ के स्तर पर मुकाबला जरूरी है। डरे हुए लोग अर्थव्यवस्था को बाधित करते हैं। प्रसन्न और चिंतामुक्त लोग तमाम धंधों को बढ़ाते हैं। यह समय बहुत ही विशिष्ट समय है। विशिष्ट समय में विशिष्ट उपायों की जरूरत होती है। और केंद्र सरकार को त्वरित और व्यापक टीकाकरण की आÌथक बाधाओं को तुरंत दूर करना चाहिए।


सौजन्य - राष्ट्रीय सहारा।

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About न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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