पूनावाला की कंपनी ने अब तक जितनी वैक्सीन बनाई है, उसका ज्यादातर हिस्सा उसने भारत सरकार को दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करार तोड़कर हमारी मदद की है, जिसके लिए उनकी कंपनी को लीगल नोटिस तक मिल चुका है। हमें इसके लिए पूनावाला का शुक्रगुजार होना चाहिए। इसके साथ अगर उन्हें भारत में कोई परेशानी हो रही है तो उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
लंदन के अखबार फाइनैंशल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत में आने वाले कुछ महीनों तक टीके की कमी बनी रह सकती है। अभी वह हर महीने 6-7 करोड़ खुराक तैयार कर रही है, जबकि जुलाई से 10 करोड़ खुराक बनाने लगेगी। इससे कोरोना की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की कमी से जूझ रहे भारत को जरूर राहत मिलेगी। इस इंटरव्यू में पूनावाला ने इसके साथ कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें भारत में बेवजह परेशान किया गया। इससे पहले 'द टाइम्स ऑफ लंदन' को दिए इंटरव्यू में पूनावाला ने कहा था कि वैक्सीन की सप्लाई को लेकर भारत में नेता और बिजनस लीडर्स उन्हें धमकी दे रहे हैं। सच पूछिए तो इस समस्या की जड़ शुरुआत में भारत सरकार की ओर से कंपनी को बड़ा ऑर्डर न देना रहा, जिसकी तरफ पूनावाला ने भी इशारा किया है। सरकार को लग रहा था कि भारत ने कोरोना महामारी से जंग जीत ली है और यहां इसकी दूसरी लहर दस्तक नहीं देगी। लेकिन दूसरी लहर न सिर्फ आई बल्कि बेकाबू हो गई है और पिछले शुक्रवार को तो नए मरीजों की संख्या 4 लाख पार कर गई, जो वैश्विक रेकॉर्ड है।
इसके बाद सरकार ने सीरम इंस्टिट्यूट को वैक्सीन के लिए पेशगी के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये दिए, जिसका इस्तेमाल कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कर रही है। केंद्र ने इसके साथ वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाने के लिए और भी कदम उठाए हैं, जिनका असर जल्द ही दिखने लगेगा। लेकिन इन सबके बीच पूनावाला को लेकर जो विवाद हुआ है, वह अफसोसनाक है। अगर देश में आज 16 करोड़ यानी 12 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है तो उसमें कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक के साथ दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन कंपनी सीरम का बड़ा योगदान रहा है। पूनावाला की कंपनी ने अब तक जितनी वैक्सीन बनाई है, उसका ज्यादातर हिस्सा उसने भारत सरकार को दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करार तोड़कर हमारी मदद की है, जिसके लिए उनकी कंपनी को लीगल नोटिस तक मिल चुका है। हमें इसके लिए पूनावाला का शुक्रगुजार होना चाहिए। इसके साथ अगर उन्हें भारत में कोई परेशानी हो रही है तो उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्हें यह अहसास दिलाना चाहिए कि वह यहां असुरक्षित नहीं हैं। केंद्र सरकार को उनसे बात करनी चाहिए। वह सुनिश्चित करे कि नेता और बिजनस लीडर्स उन पर बेवजह वैक्सीन के लिए दबाव न बनाएं। उनकी कंपनी इस मुश्किल घड़ी में हमारे लिए राष्ट्रीय रत्न की तरह है। उन्हें इसके मुताबिक सम्मान मिलना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि अगर हम महामारी से जंग जीतेंगे तो उसमें पूनावाला और उनकी कंपनी का अहम योगदान होगा।
सौजन्य - नवभारत टाइम्स।
0 comments:
Post a Comment